फुटबॉल के जादूगर मेसी की कहानी। Lionel Messi life story
दोस्तों ये कहानी है एक ऐसे लड़के की जिसके पिता मजदूरी किया करते थे और जिसकी माँ नौकरानी थी और जीसको डॉक्टर्स ने यहाँ तक कह दिया था कि अब तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता। खेलने के बारे में तो सोचना भी मत, लेकिन दोस्तों किस्मत का खेल देखिए। आज वही लड़का दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे महान फुटबॉलर बन चुका है। ये वो खिलाड़ी है जिसके बारे में वह लोग भी जानते हैं जो फुटबॉल के बारे में ना के बराबर ही जानते हैं। जी हाँ, दोस्तों हम बात कर रहे हैं अर्जेन्टीना के महान फुटबॉलर लियोनल मेसी की।
दोस्तों मेसी की कहानी की शुरुआत होती है 24 जून सन 1987 को। उनका जन्म इसी तारीख में अर्जेन्टीना में हुआ था। उनके पिता एक स्टील कारखाने में एक मजदूर के तौर पर काम किया करते थे जबकि इनकी माँ लोगों के घरों में नौकरानी का काम किया करती थी। तमाम आर्थिक तंगीयों के बाद भी पिता ने ये सोचा था की चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन अपने बच्चों को किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दूंगा।
और ये सोच सभी के माँ बाप की रहती है और शायद आपके और हमारे भी तभी तो किसी शायर ने क्या खूब कहा है कि जेब खाली हो फिर भी मना करते नहीं देखा मैंने ज़मीं पर पिता से अमीर इंसान नहीं देखा मैंने लियोनल मेसी के केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ। 4 साल की उम्र में मेसी ने फुटबॉलर बनने का सपना देखा और इतनी छोटी सी उम्र में ही एक फुटबॉल क्लब जॉइन कर लिया। कहते हैं फुटबॉल को लेकर उनकी दादी ने उन्हें बहुत ही इंस्पायर्ड किया।
और कहा की बेटा तुम एक फुटबॉलर बनना चाहिए बिना थके, बिना रुके मेसी दिन रात मेहनत कर रहे थे, लेकिन तभी उनके पास एक दुख भरी खबर पहुंचती है की उनकी दादी का देहांत हो गया। मेसी को अपने बचपन से ही दादी से बेहद लगाव था। कहते हैं दादी की मृत्यु की खबर ने मेसी को इतना सदमा दिया कि महीनों तक उन्होंने फुटबॉल को हाथ तक नहीं लगाया।
उदासी और अकेलेपन को देखकर उनके पिता ने उन्हें समझाया कि आपको दादी के चले जाने के बाद थककर यूँ उदास नहीं बैठना चाहिए बल्कि उनके सपने को पूरा करना चाहिए और विश्व का सबसे बेहतरीन फुटबॉल बनना चाहिए। दोस्तों।
पिता की ये बात सुनकर मेसी ने अभी फुटबॉल ग्राउंड पर कदम रखा ही था की उनके सामने एक और बड़ी परेशानी खड़ी हो गई।
और वो परेशानी थी। मेसी को एक गंभीर बिमारी हो गई थी, जिसका नाम था ग्रोथ हार्मोन डेफिशियेंसी। मेडिकल साइंस के मुताबिक इस बिमारी में बच्चे की ग्रोथ पूरी तरह से रुक जाती है। जिसके बाद मैं मेसी के डॉक्टर्स ने उनसे कहा कि अब आपकी हाइट ज्यादा नहीं बढ़ पाएगी और आप छोटे कद के रह जाएंगे। ऐसा नहीं था कि उस बिमारी का कोई इलाज नहीं था बल्कि इलाज मुमकिन था लेकिन मेसी के परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो खुद के खर्चे पर उनका इलाज करा सके। इसके अलावा जिन जिन क्लब्स के लिए वो खेलते थे
उन्होंने भी मेसी के इलाज से अपने हाथ खड़े कर दिए। मेसी खुद बताते हैं कि उसे वक्त उनके इस इलाज में $1500 पर मंथ का खर्चा था, जो कि उनके लिए और उनके परिवार के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था।
लेकिन दोस्तों वो कहते हैं ना कि जब आपके इरादों में दम हो और आप मेहनती हो तो ऊपर वाला भी आपकी मदद करता है। सेम वैसा ही मेसी की कहानी में भी हुआ और कोई क्लब उन्हें अपने साथ खिलाने तक के लिए तैयार नहीं था। तब उनके स्ट्रगल की ये कहानी पहुँच जाती है स्पेन के बार्सिलोना क्लब के डायरेक्टर के पास और उनसे कोई कहता है कि एक लड़का है अर्जेन्टीना में। मेसी नाम का बहुत कमाल का खेलता है लेकिन उसे एक बिमारी है। उसे हमारे क्लब को लेना चाहिए, उसका इलाज करवाना चाहिए क्योंकि वो
आने वाले भविष्य में।
इस क्लब को बहुत आगे ले जा सकता है। इसके बाद मेसी की ये कहानी सुन कर ऐफ़ सी बार्सिलोना के डाइरेक्टर मेसी के परिवार को इन्विटेशन भेजते है और उन्हें इलाज का आश्वासन देते है, लेकिन उनकी कुछ शर्त रहती है। वो कहते है की मेसी को उनके परिवार के साथ अर्जेन्टीना से स्पेन आना होगा और बार्सिलोना क्लब के साथ जुड़ना होगा। बार्सिलोना के डाइरेक्टर के इस ऑफर के लिए मेसी और उनका परिवार तैयार हो गया, लेकिन तभी बार्सिलोना के साथ उनके कांट्रॅक्ट साइन में कुछ प्रॉब्लम आने लगी।
इससे उनके पिता परेशान हो गए और उन्होंने बार्सिलोना के डाइरेक्टर से कहा कि आप साफ साफ बताइए, अगर आप मेसी को रखना चाहते हैं तो रखें वरना हमें मना कर दे। फिर हम कोई और रास्ता तलाश कर लेंगे। उनके पिता की ये बात सुनकर बार्सिलोना के डाइरेक्टर ने उनसे कहा कि अगर आपको मेसी पर इतना ही यकीन है तो भेजिए उसको फुटबॉल ग्राउंड पर आज उसका खेल देख ही लेते हैं। लेकिन दोस्तों जब मेसी मैदान पर उतरे और उनका खेल उन्होंने देखा तो वह हैरान रह गए। कहते हैं उस वक्त उनके पास कांट्रॅक्ट साइन करने के लिए कोई पेपर नहीं था।
तो उन्होंने टेबल से एक टिश्यू पेपर उठाया और उस पर लिखा कि आज से मेसी हमारा हुआ और कुछ इस तरह से मेसी का बार्सिलोना के साथ पहला कांट्रॅक्ट साइन हुआ और मेसी की डूबती हुई कश्ती को किनारा मिला।
और कहते हैं, इसके बाद लियोनेल मेसी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि शुरुआत में जो वहाँ के बाकी खिलाड़ी थे वो ये सोचते थे की ये छोटी सी हाइट का लड़का ये कैसे खेलेगा, कैसे सर्वाइव करेगा, लेकिन जब जब फुटबॉल के मैदान पर मेसी उतरे, उन्होंने तब तब बता दिया की क्यों वो आने वाले भविष्य के फुटबॉल की दुनिया के एक महान खिलाड़ी बनने वाले हैं। और वह आज दुनिया के सबसे बेस्ट फुटबॉलर है
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