जुनून हो तो मेसी जैसा। The footballer Messi


जुनून हो तो मेसी जैसा। The footballer Messi

अर्जेंटीना की गवर्नमेंट ने एक रूल बनाया जिसके तहत जिसके चलते कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चों का नाम मेसी नहीं रख सकते थे और इसके पीछे रीसन था ये बंदा।

क्योंकि वहाँ पर मेसी नाम के लोग इतने हो चूके थे कि आगे चलके सबकी पहचान खतरे में पड़ जाती। मेसी वन ऑफ़ दी, बेस्ट फुटबॉल प्लेयर इन दी हिस्टरी ऑफ़ फुटबॉल, जिन्होंने सिक्स बॉल अवार्ड्स जीतकर कई रिकॉर्ड्स भी बनाए हैं। वैसे तो मेसी नाम और मेसी के रिकॉर्ड्स तो सब जानते हैं।

विनर में एक बात काॅमन होती है और वो ये की कितनी भी मुसीबतें आए। कितनी भी तकलीफ हो, कितनी बार भी हार का सामना करना पड़े। ये तब तक पीछे नहीं हटते जब तक ये जो चाहते हैं उसे हांसील नहीं कर लेते ऐसी हि कुछ बात मेसी के साथ भी हुई और मेसी को ग्रोथ हार्मोन डेफिशियेंसी यह बीमारी हो गई ऐसी बुरे वक्त में मेसी ने भी कभी हार नहीं मानी और अपनी प्रैक्टिस को डबल कर दिया।

क्योंकि इस उम्र तक आते आते फुटबॉल उनके लिए एक गेम से बढ़कर उनकी जिंदगी बन चुका था। ऐसी बिमारी के हालात में ये बंदा मैच खेलने के लिए चला गया और इसका इनाम उसको तुरंत मिला क्योंकि वो मैच देखने के लिए   बर्सिलोना यूथ क्लब के डायरेक्टर आए थे। मेसी का गेम देख कर वो काफी इम्प्रेस हो गए और तुरंत मेसी के माता पिता से मिलने चले गए। उनसे मिलने की बात उन्हें पता चला कि मेसी को एक ग्रोथ हार्मोन डेफिशियेंसी नामक बिमारी है। इसके बाद उन्होंने मेसी के माता पिता को एक ऑफर दिया क्योंकि उनकी टीम मेसी के इलाज का सारा खर्चा उठाएगी, लेकिन उसके लिए मेसी को स्पेन आ कर बार्सिलोना युथ क्लब के लिए खेलना पड़ेगा।

उस हालात में मेसी का इलाज करना उसके पेरेंट्स के लिए मुमकिन नहीं था।

इसलिए वो तुरंत ही इस ऑफर के लिए मान गये और मेसी स्पेन चले गए जहाँ उनका ठीक से इलाज हुआ। लेकिन इस बंदे की छोटी हाइट के चलते कई बार उन्हें अपने टीम में खेलने का मौका नहीं मिला और मौका मिला तो भी उनके टीम मेंबर्स उन्हें बॉल पास नहीं करते थे। पर मेसी तो मेसी है। वो जैसे तैसे करके बॉल ले लेते और फिर 15 15 मिनट तक कोई उनसे बॉल छीन नहीं पता था। आज कोई ऐसा फुटबॉल लवर नहीं होगा जो मेसी को नहीं जानता। मैं तो कुछ ऐसे लोगों को भी जानता हूँ जो फुटबॉल को मेसी की वजह से जानते हैं। 2012 में 91 गोल बनाने वाले मेसी इकलौते खिलाड़ी बने और इसके चलते उनका नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में लिखा गया।

मेसी एक लौते  फुटबॉल प्लेयर है जिनके पास 6 गोल्डन बूट अवार्ड है इसके साथ ही मेसी सोशली भी बहुत चीजों पर एक्टिव है 2012 में इन्होंने एक बच्चे के 6 साल की मेडिकल बिल के लिए स्पॉन्सर किया था जो ग्रोथ हार्मोन डिफीशियेसि नामक बीमारी का सामना कर रहा था जिससे कुछ साल पहले यह बंदा खुद गुजर चुका था दोस्तों कहते हैं कि हर सपना पूरा होता है हर ख्वाहिश पूरी होती है यह दुनिया भी झुकती है बस बंदा झुकाने वाला चाहिए जो हर मुसीबत में चट्टान की तरह खड़ा हो इस यू वाॅंटं  टू बी विनर जस्ट लाइक ए विनर

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