रोनाल्डो और उसका संघर्ष। Ronaldo

 

रोनाल्डो और उसका संघर्ष। Ronaldo

 रोनाल्डो को फुटबॉल पसंद करने वाले सभी लोग जानते हैं।आप सभी को ये जानकर झटका लगेगा की रोनाल्डो फुटबॉल खेलकर सालाना 700,00,00,000 करोड़ रूपये से भी ज्यादा कमाते है। जी हाँ, 700,00,00,000 करोड़ वो भी 1 साल में लेकिन आप ये नहीं जानते की शोहरत के शिखर पर बैठे इस शख्स का बचपन टपकती टिन की छत के नीचे गुजरा था। आज मैं आप सभी को

क्रिस्टियानो रोनाल्डो की जिंदगी के उन पहलू के बारे में बताऊँगा जिनके बारे में शायद आपको जानकारी ना हो। सबसे पहले जानते है की क्रिस्टियानो रोनाल्डो कौन है? इनका जन्म 5 फरवरी 1985 को पुर्तगाल के शहर अंचल में हुआ। क्रिस्टियानो रोनाल्डो का पूरा नाम क्रिस्टियानो रोनाल्डो है। 

रोनाल्डो के पिता अमेरिकन ऐक्टर और फिर बाद में प्रेसिडेंट बने रोनाल्डो के पिता रोनाल्ड रईगन के बहुत बड़े फैन थे। उन्हीं के नाम पर उन्होंने अपने बेटे को रोनाल्डो नाम दिया।

क्रिस्टियानो पुर्तगाल के नागरिक है और फुटबॉल क्लब की तरफ से खेलते हैं। रोनाल्डो पुर्तगाल की नेशनल फुटबॉल टीम के कैप्टन भी है। आज क्रिस्टियानो रोनाल्डो की कमाई इतनी ज्यादा है कि वह अरबों के बंगलों में रहते हैं, दुनिया के सबसे महंगी गाड़ियों में सफर करते हैं। लेकिन आप सभी को ये बात जानकर हैरानी होगी कि हमेशा से क्रिस्टियानो रोनाल्डो की जिंदगी ऐसी नहीं थी। रोनाल्डो का यहाँ तक पहुंचने का ये सफर किसी फ़िल्म की कहानी से कम नहीं था। अपने बचपन के दिनों में रोनाल्डो टिन वाली छत के घर में अपने पूरे परिवार के साथ रहा करते थे। रोनाल्डो के परिवार में उनके अलावा माता पिता, दो भाई और एक बहन भी थी। एक

से परिवार में जन्मे रोनाल्डो के पिता पूर्तगाल में ही नगर निगम में मालिका काम किया करते थे। वह पार्क में पौधों की कटाई छटाई और पानी डालकर उन्हें हरा रखने का काम करते। छोटी उम्र से ही क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया। रोनाल्डो को बचपन से ही फुटबॉल से बहुत ज्यादा लगाव था। रोनाल्डो की खेल में इस तरह के लगाव को देखकर मात्र 8 साल की उम्र में ही क्रिस्टियानो को एन्डोरोना स्पोर्ट्स क्लब में चुन लिया गया। रोनाल्डो की माता का नाम मारिया है। मारिया बचपन में रोनाल्डो को क्राइब भी बुलाती थी क्योंकि क्रिस्टियानो जब भी अपने बचपन में फुटबॉल खेला करता और हार जाता या फिर मैदान में अच्छा स्कोर नहीं बना पाता तो वो मैदान के बीच में ही रोना शुरू कर देता था। क्रिस्टियानो स्कूल में क्लास से ज्यादा फुटबॉल ग्राउंड पर मिलता था। फुटबॉल के खेल में क्रिस्टियानो रोनाल्डो का दिल इतना लग चुका था

कल 10 साल की छोटी सी उम्र में ही क्रिस्टियानो रोनाल्डो को पुर्तगाल के सबसे बड़े स्पोर्ट्स क्लब ने अपना मेंबर बना लिया। 10 साल की छोटी सी उम्र में ही पुर्तगाल के सबसे बड़े स्पोर्ट्स क्लब में चुने जाने के बाद यहाँ रोनाल्डो 2 साल तक लगातार खेलते रहे। रोनाल्डो बताते हैं की वो अपने पहले ब्रेक के लिए हमेशा अपने दोस्त अल्बर्ट फ्रंट्रो के शुक्रगुजार रहेंगे। किस्सा कुछ यूँ था की रोनाल्डो और अल्बर्ट एक ही युथ क्लब के लिए खेलते थे। 1 दिन जब स्पोर्टिंग लिस्बन् के ऑफिसियल उनके ट्रायल लेने आए तो उन्होंने साफ कहा

की जो भी ज्यादा घोल करेगा उसे हम अपनी ऐकैडॅमि में अडमिशन देंगे। रोनाल्डो की टीम ये मैच थ्री जीरो से जीत गई, जिसमें पहला गोल रोनाल्डो ने और दूसरा गोल उनके ही दोस्त अल्बर्ट ने मारा। वो तीसरा गोल था जिसने सबको इम्प्रेस कर दिया। दरअसल, तीसरे गोल के वक्त अल्बर्ट बॉल को अकेले ही गोल कीपर के पार लेकर जा चुका था। गोल के लिए सिर्फ उसे फुटबॉल को हल्का सा पुश करना था, लेकिन उसने गोल नहीं किया बल्कि रोनाल्डो को पास किया।

रोनाल्डो ने ये गोल मारा और ऐकैडॅमि में अडमिशन भी पाया। जब रोनाल्डो ने अपने दोस्त से पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया, तब अल्बर्ट ने जवाब दिया कि रोनाल्डो उससे बहुत बेहतर फुटबॉल खिलाड़ी है। अल्बर्ट और रोनाल्डो की दोस्ती इस इंसिडेंट के बाद मजबूत हो गई और वह आज तक दोस्त है। रोनाल्डो के बाद स्पोर्टिंग लिस्बन् के बड़े अधिकारियों ने क्रिस्टियानो रोनाल्डो को £15 में साइन कर लिया।

ये क्लब पुर्तगाल की राजधानी लिसबेन में था और इसी कारण रोनाल्डो को 12 साल की उम्र में ही अपने पूरे परिवार का साथ छोड़कर पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में रहने जाना पड़ा। अपने परिवार को छोड़ के जाने का रोनाल्डो को बहुत ज्यादा दुख हुआ। जब रोनाल्डो 15 साल का हुआ तब इनके माता पिता को पता चला की रोनाल्डो के दिल में परेशानी चल रही है। जब रोनाल्डो को डॉक्टर के पास ले जाया गया तो पता चला कि क्रिस्टियानो रोनाल्डो के दिल में एक बड़ी गड़बड़ी है

।इसी कारण से डॉक्टर ने रोनाल्डो को ज्यादा दौड़  और फुटबॉल खेलने से मना कर दिया। डॉक्टर ने बताया कि या तो रोनाल्डो के दिल की सर्जरी करनी होगी या फिर उन्हें हमेशा के लिए फुटबॉल खेलना बंद करना पड़ेगा। 8-10 घंटे फुटबॉल फील्ड में बिताने वाले क्रिस्टियानो रोनाल्डो को फुटबॉल ना खेलना कतई मंजूर नहीं था। इसी कारण उन्होंने दूसरा विकल्प चुना और डॉक्टर से अपने दिल की सर्जरी करने को कहा। इस सर्जरी में जान जाने का भी खतरा था। सर्जरी से रिकवर होने के बाद रोनाल्डो फिर से फुटबॉल खेलने के लिए तैयार हो चूके थे। इसी बीच क्रिस्टियानो रोनाल्डो के जीवन में एक बहुत बड़ा दुःख आया जब शराब पीने की लत के कारण उनके पिता की मृत्यु हो गई।

इस घटना ने रोनाल्डो को हिला कर रख दिया क्योंकि रोनाल्डो अपने पिता के ही सबसे ज्यादा करीब थे। शराब की वजह से पिता की मौत के कारण आज तक कभी भी क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने शराब को हाथ तक नहीं लगाया। उनके पिता ही घर के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे जिनके चले जाने के कारण क्रिस्टियानो रोनाल्डो के घर की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा खराब होने लगी। रोनाल्डो की माँ मारिया को दूसरों के घरों में जाकर खाना बनाकर अपने परिवार का गुज़ारा करना पड़ रहा था।

इन सभी तरह की परिस्थितियों से झुझ ते हुए रोनाल्डो ने अपने खेल को जारी रखा और कठिन परिश्रम के जोर पर एक अच्छे खिलाड़ी के रूप में उभरे और उनका यह सफर उनकी कामयाबी की वजह बना 

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