कुतुब मीनार के बंद दरवाजे का रहस्य -Qutub minar mystery


कुतुब मीनार के बंद दरवाजे का रहस्य -Qutub minar  mystery
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कुतुब मीनार को 12वी शताब्दी में कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था कुतुब मीनार आज से लगभग 800 साल पुराना है और यहां घूमने आने वाले कई लोगों को कहना है कि उन्होंने यहां कुछ अजीब शक्तियों को महसूस किया है

इसके अलावा यहां रात को लोगों को कई अदृश्य शक्तियों का आत्माओं का होने का आभास हुआ है साल 1984 तक कुतुब मीनार के अंदर जाने के लिए एक दरवाजा खुला हुआ था जहां सीडीओ के जरिए चढ़कर ऊपर जाया जा सकता था लेकिन फिर साल 4 दिसंबर 1984 को कुछ ऐसा होता है की कुतुब मीनार के इस दरवाजे को बंद कर दिया गया असल में उस दिन को कुतुब मीनार में सीडीओ के जरिए लगभग 400 लोग कुतुब मीनार के अंदर गए थे उनमें ज्यादातर स्कूल के बच्चे शामिल थे इसके अंदर जो चढ़ने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है वह काफी ज्यादा छोटी है इसके अलावा इसके अंदर अंधेरा भी बहुत रहता है यहां रोशनी के लिए सिर्फ बिजली के बल्ब लगाए गए हैं और उस दिन अचानक बिजली चली जाती है अंधेरा होने की वजह से सब लोग बहुत ज्यादा डर जाते है डर के कारण जब लोग नीचे भागने लगते हैं तो सीढ़ियां छोटी होने की वजह से लगभग 45 लोग यहां से गिर जाते हैं और उनकी मौके पर ही मौत हो जाती है 

इस घटना के बाद  कुतुब मीनारके दरवाजे को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया इसके अलावा इस दरवाजे को खोलने के लिए जब भी विचार किया गया तब कोई ना कोई हादसा जरूर हुआ है इसलिए इस दरवाजे को कभी नहीं खोला जाता ऐसा क्यों है यह आज तक एक रहस्य है

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